Let your heart guide you......It whispers so listen closely

Saturday, April 3, 2010

कुछ बातें

कल रात, हम भी कुछ बातें कहना चाहते थे तुमसे,
वो बातें कुछ से कुछ ज्यादा हैं, इसका एहसास तब हुआ
जब एक ही पल में लफ़्ज़ों की ईमारत बन गयी मन में।

पर शायद वो कच्ची मिट्टी की बनी थी,
कुछ ख्यालों के तेज़ झोंके भी नहीं झेल
पाई।

ढह गयी है वो ईमारत,
खो गए हैं वो लफ्ज़,
और उसके मलबे में कहीं दब गयी हैं वो बातें, अनकही सी...

4 comments:

CYNOSURE said...

nice composition.........

Sid said...

पुख्ता होते ही मर गयी चीज़ें
बात कच्ची थी, बात अच्छी थी
घर बना कर बहुत मैं पछताया
इससे खाली ज़मीन अच्छी थी।

Meghana said...

@ deep and sid, beautiful lines..

Geetika said...

yaar...this one is a masterpiece...too good...tu toh ekdum mast poet ban gayi hai.

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