Let your heart guide you......It whispers so listen closely

Thursday, March 1, 2012

उम्मीद

१.
दिल के दिये में उम्मीद का तेल ख़त्म ही नहीं होता ।
डर लगता है इसकी लौ तुम्हे जला न दे।
पर अगर किसी दिन बाती ही इस तेल में डूब गयी तो ...

२.
थक गए हैं अब कदम।
कुछ देर पहले एक आवाज़ आई थी, लगा की बस आ रही है।
बहुत राहत मिली थी दिल को,
कितनी देर हम बस स्टैंड पर खड़े इंतज़ार करते रहे।
नहीं आई वो।
फिर चल पड़े हैं...
फर्क सिर्फ इतना है कि अब अँधेरा छा गया है,
उम्मीद का सूरज जो ढल गया कुछ देर पहले।


PS: Few random archived compositions from my mobile

6 comments:

CYNOSURE said...

too good...
loved the second one... :)

Meghana said...

nice.. loved the post!

Richa Chauhan said...

meaningful and touching :)

Sid said...

:O

जब कोई बिन बात ही
लिखने लगे कविता
या कविता निकलने लगे
बिखरे खयालों से
तो समझना कि गहरी
कोई घात ज़रूर है
कि मन में बिखरी
कोई बात ज़रूर है

Sid said...

:O

जब कोई बिन बात ही
लिखने लगे कविता
या कविता निकलने लगे
बिखरे खयालों से
तो समझना कि गहरी
कोई घात ज़रूर है
कि मन में बिखरी
कोई बात ज़रूर है

deep said...

@ CYNOSURE & Meghana & Richa - Thanks :)

@ Sid - Beautiful lines.. you wrote?

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