Let your heart guide you......It whispers so listen closely

Wednesday, January 9, 2013

बीत गया एक और उन करोड़ों में से

बस चन्द करोड़ों सालों में
सूरज की आग बुझेगी जब
और राख उड़ेगी सूरज से
जब कोई चाँद न डूबेगा
और कोई ज़मीं न उभरेगी


तब ठंडा बुझा इक कोयला सा
टुकड़ा ये ज़मीं का घूमेगा
भटका भटका
मदधम खकिस्त्री रौशनी में !

-गुलज़ार


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